✨Income Quadrants? Powerful Lessons to Achieve Financial Freedom from Robert Kiyosaki’s Lesson “4 Income Quadrants” (Hindi)

4 Income Quadrants? Discover key lessons from Robert Kiyosaki’s 4 Income Quadrants—how to move from working for money to making money work for you through smart systems and investments.

An infographic illustrating Robert Kiyosaki’s 4 Income Quadrants — Employee, Self-Employed, Business Owner, and Investor — showing the journey from working for money to achieving financial freedom through systems and smart investments.

🔹 **प्रस्तावना (Introduction)**

4 Income Quadrants? क्या आपने कभी गौर किया है कि इस दुनिया में हर इंसान दिन-रात मेहनत तो करता है, लेकिन सभी लोग आर्थिक रूप से सफल क्यों नहीं हो पाते?

कई लोग अपने जीवन का कीमती समय नौकरी में बिता देते हैं, रोज सुबह से शाम तक काम करते हैं — फिर भी महीने के अंत में उनकी सैलरी खत्म हो जाती है और वे अगली तनख्वाह का इंतज़ार करते रहते हैं। दूसरी तरफ, कुछ ऐसे लोग भी हैं जो उतनी ही मेहनत करते हैं, लेकिन उनके पास *समय की आज़ादी* और *पैसों की बरकत* दोनों होती है। फर्क सिर्फ एक चीज़ में है — **विचारधारा (Mindset)**।

इसी सोच के अंतर को समझाने के लिए अपनी मशहूर किताब **“Rich Dad Poor Dad”** के लेखक **Robert Kiyosaki** ने उनकी दूसरी  किताब ** Rich Dad’s Cashflow Quadrant**  में एक अद्भुत सिद्धांत दिया  हैं। 

यह Quadrant केवल एक चार्ट नहीं है, बल्कि एक *जीवन दर्शन* है जो हमें यह सिखाता है कि पैसे के प्रति हमारी सोच ही तय करती है कि हम आर्थिक रूप से कहाँ खड़े हैं और कहाँ तक पहुँच सकते हैं।

Robert Kiyosaki के अनुसार, दुनिया के हर व्यक्ति की आमदनी चार मुख्य स्रोतों से आती है —

1️⃣ **E – Employee** (जो दूसरों के लिए काम करता है),

2️⃣ **S – Self-Employed** (जो अपने लिए काम करता है),

3️⃣ **B – Business Owner** (जिसके पास सिस्टम और टीम होती है),

4️⃣ **I – Investor** (जो पैसे को अपने लिए काम करवाता है)।

हर Quadrant एक अलग मानसिकता, अलग रिस्क लेने की क्षमता और अलग लाइफस्टाइल को दर्शाता है।

Cashflow Quadrant हमें यह सोचने पर मजबूर करता है — *क्या हम पैसा कमाने के लिए काम कर रहे हैं, या ऐसा सिस्टम बना रहे हैं जहाँ पैसा हमारे लिए काम करे?*

यह समझ ही किसी भी व्यक्ति की वित्तीय यात्रा (Financial Journey) का पहला कदम है — गरीबी से समृद्धि की ओर, निर्भरता से आज़ादी की ओर।

🔸 1️⃣ Employee (E) – नौकरी करने वाले (The Employees)

Part 1 of Income Quadrant Employee

Employee वह व्यक्ति होता है जो किसी कंपनी, संस्था या संगठन में किसी और के लिए काम करता है और बदले में वेतन या सैलरी प्राप्त करता है। वह अपनी मेहनत, समय और ऊर्जा को पैसे में बदलता है। यह आय का सबसे स्थिर (Stable) लेकिन सीमित (Limited) स्रोत होता है। एक Employee सुबह से शाम तक काम करता है, महीने के अंत में सैलरी पाता है, और फिर वही चक्र हर महीने दोहराता है। शुरू में यह व्यवस्था सुरक्षित लगती है — हर महीने एक तय रकम मिलती है, इसलिए मानसिक शांति बनी रहती है।

लेकिन धीरे-धीरे यह सुरक्षा “कम्फर्ट ज़ोन का जाल” बन जाती है। लोग सोचते हैं कि नौकरी ही सबसे सुरक्षित रास्ता है, पर असल में यह स्थायित्व का भ्रम है।
क्योंकि नौकरी में समय की आज़ादी नहीं होती। आप जितना काम करेंगे, उतना ही पैसा मिलेगा। इसका मतलब है — आप पैसे के लिए काम कर रहे हैं, न कि पैसा आपके लिए।


💼 नौकरी की वास्तविकता

Employee का पूरा जीवन एक निश्चित रूटीन में बंधा होता है — सुबह ऑफिस, शाम घर, और महीने के अंत में सैलरी का इंतज़ार।
वह अपने बॉस, कंपनी की नीति और काम के घंटे के अधीन होता है।
कभी-कभी वह बहुत मेहनत करता है, लेकिन प्रमोशन या इनाम उतना नहीं मिलता जितनी उम्मीद होती है।
इससे धीरे-धीरे उसकी रचनात्मकता (Creativity) और उत्साह (Motivation) दोनों कम हो जाते हैं।

Employee का सबसे बड़ा डर यही होता है —
“अगर नौकरी चली गई तो क्या होगा?”
यह डर ही उसे नए अवसरों की तलाश से रोक देता है। वह सुरक्षित रहने के नाम पर अपने सपनों को छोटा कर लेता है।


🧠 आर्थिक दृष्टिकोण से देखें

नौकरी में आपकी आय सीमित होती है क्योंकि यह सिर्फ आपके समय पर निर्भर करती है।
आप एक दिन में 8 से 10 घंटे से ज़्यादा काम नहीं कर सकते, यानी आपकी इनकम की एक सीमा तय है।
यदि आप बीमार हो जाएं या काम बंद कर दें, तो आपकी आमदनी भी रुक जाती है।

दूसरी ओर, जो लोग अपने स्किल्स को बढ़ाते हैं, नई सोच और नई दिशा में काम करते हैं, वे अपने लिए Multiple Income Sources बना सकते हैं — जैसे Freelancing, Investment, Digital Business, या Passive Income।
यही असली Financial Freedom की शुरुआत है।


🌱 सीख (Lessons to Remember)

👉 अगर आप केवल Employee बने रहते हैं, तो आपकी इनकम हमेशा सीमित रहेगी क्योंकि आपकी आय का स्रोत केवल “समय” है।
👉 अपने स्किल्स, ज्ञान और Financial Literacy में निवेश करें। यह आपको नौकरी के परे सोचने की ताकत देगा।
👉 अपने मन को नए अवसरों के लिए खोलें — क्योंकि हर बदलाव एक नए दरवाज़े की तरह होता है।


🚀 निष्कर्ष (Conclusion)

Employee बनना बुरा नहीं है — यह हर व्यक्ति के करियर का एक ज़रूरी चरण होता है।
परंतु वहीं रुक जाना जीवन की सबसे बड़ी गलती है।
अगर आप आर्थिक रूप से आज़ाद होना चाहते हैं, तो नौकरी के साथ-साथ अपने स्किल्स को अपग्रेड करें, नई संभावनाओं की तलाश करें और धीरे-धीरे E Quadrant से बाहर निकलकर S (Self-Employed) या B (Business Owner) Quadrant की ओर बढ़ें।
क्योंकि सच्ची आज़ादी तब आती है जब आप समय के बदले नहीं, बल्कि सिस्टम के ज़रिए पैसे कमाना सीख जाते हैं।


🔸 2️⃣ Self-Employed (S) – खुद के मालिक, खुद के नौकर

Part 2 of Income Quardrant Self Employed

Self-Employed व्यक्ति वह होता है जो किसी और के लिए काम नहीं करता, बल्कि अपने दम पर खुद का काम करता है।
पहली नज़र में यह बहुत आकर्षक लगता है — न कोई बॉस, न किसी का आदेश, और अपने फैसले खुद लेने की आज़ादी। लेकिन सच्चाई थोड़ी अलग है — इस Quadrant में व्यक्ति खुद ही अपने बॉस और खुद ही अपना कर्मचारी होता है।

डॉक्टर, वकील, दुकानदार, ब्यूटी पार्लर के मालिक, प्लंबर, फ्रीलांसर या छोटे व्यापारी — ये सभी Self-Employed के उदाहरण हैं। ये लोग अपने काम के प्रति ईमानदार, मेहनती और ज़िम्मेदार होते हैं। वे अपने व्यवसाय को दिल से चलाते हैं, क्योंकि उनकी आमदनी पूरी तरह उनके काम पर निर्भर करती है। लेकिन यहीं पर एक बड़ी चुनौती छिपी होती है — अगर वे काम नहीं करेंगे, तो इनकम भी रुक जाएगी।


💼 काम पर निर्भर आय

Self-Employed व्यक्ति का बिज़नेस उसके बिना टिक नहीं सकता।
वह खुद अपने व्यवसाय की धुरी होता है — वह ही ग्राहक से बात करता है, ऑर्डर लेता है, प्रोडक्ट या सर्विस देता है और हिसाब रखता है।
यदि वह कुछ दिनों के लिए बीमार हो जाए या छुट्टी ले ले, तो उसकी आय तुरंत रुक जाती है।
इसलिए, इस Quadrant में आर्थिक सुरक्षा तो होती है, लेकिन समय की स्वतंत्रता नहीं।

बहुत से लोग सोचते हैं कि वे आज़ाद हैं क्योंकि वे किसी के अधीन नहीं हैं, पर सच्चाई यह है कि वे अपने क्लाइंट्स या कस्टमर्स के अधीन होते हैं।
उन्हें उनकी मांग के अनुसार काम करना पड़ता है, और उनकी संतुष्टि पर ही उनकी कमाई निर्भर करती है।


⏳ समय की कमी – सबसे बड़ी चुनौती

Self-Employed व्यक्ति अपने व्यवसाय में इतना व्यस्त हो जाता है कि उसके पास खुद के लिए समय ही नहीं बचता।
सुबह से रात तक वही काम, वही ग्राहक, वही रूटीन — और अगर वह एक दिन रुक जाए, तो पूरी मशीन रुक जाती है।
ऐसा लगता है जैसे वह अपने लिए नहीं, बल्कि अपने काम के लिए जी रहा है।

इस Quadrant का सबसे बड़ा डर यही होता है —
“अगर मैं बीमार पड़ गया या कुछ दिन का ब्रेक लिया, तो आमदनी रुक जाएगी।”
यह डर उसे और ज़्यादा काम करने पर मजबूर कर देता है, और धीरे-धीरे वह अपने व्यवसाय का गुलाम बन जाता है।


🚀 आगे बढ़ने की राह – System बनाइए

Self-Employed होना बुरा नहीं है।
यह उस व्यक्ति के आत्मनिर्भर बनने की शुरुआत है जो किसी और के अधीन नहीं रहना चाहता।
लेकिन यह अंतिम मंज़िल नहीं है।
आर्थिक स्वतंत्रता पाने के लिए ज़रूरी है कि आप अपने काम को System में बदलें।

👉 अपने व्यवसाय को इस तरह डिज़ाइन करें कि वह आपके बिना भी चल सके।
👉 लोगों को प्रशिक्षित करें ताकि वे आपकी जगह जिम्मेदारी संभाल सकें।
👉 Automation (स्वचालन) अपनाइए — ताकि कुछ प्रक्रियाएँ खुद से चल सकें।

जब आपका बिज़नेस आपके बिना भी चले और आपको समय की आज़ादी मिले, तभी आप Self-Employed से Business Owner (B Quadrant) की ओर बढ़ते हैं।


🌱 निष्कर्ष

Self-Employed बनना एक अच्छा कदम है — यह आत्मनिर्भरता की निशानी है।
लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आपकी आय निरंतर बढ़े और आपके पास जीवन का आनंद लेने का समय भी रहे, तो आपको सिस्टम बनाना सीखना होगा।

याद रखिए, सच्ची आज़ादी तब मिलती है जब काम आपके बिना भी चलता रहे और आय का प्रवाह निरंतर बना रहे।
यही “S Quadrant” से “B Quadrant” की असली यात्रा है — जहां आप सिर्फ काम नहीं करते, बल्कि एक ऐसा सिस्टम बनाते हैं जो आपके लिए काम करता है।


🔹 3️⃣ Business Owner (B) – सिस्टम बनाकर पैसा कमाने वाले

Part 3 of Income Quardrant Business owner

“अगर आप खुद काम करते हैं तो आपकी इनकम सीमित है,
लेकिन अगर आपका सिस्टम काम करता है — तो आपकी इनकम असीमित है।”

यही वह बुनियादी अंतर है जो Self-Employed व्यक्ति और Business Owner को अलग करता है।
Self-Employed व्यक्ति अपने दम पर काम करता है, जबकि Business Owner ऐसा System और Team बनाता है जो उसके बिना भी काम करती रहती है। यही System उसकी आर्थिक स्वतंत्रता (Financial Freedom) और समय की स्वतंत्रता (Time Freedom) की कुंजी है।


💼 Business Owner कौन होता है?

Business Owner वह व्यक्ति होता है जो एक संगठित ढांचा (Organized System) बनाता है।
उसने अपने काम को एक Structure और Process में ढाल दिया होता है — यानी उसका व्यवसाय उसकी उपस्थिति पर निर्भर नहीं करता।

उदाहरण के तौर पर —
👉 एक होटल मालिक जो मैनेजर और स्टाफ की मदद से होटल चलाता है।
👉 एक कंपनी का संस्थापक जिसने एक टीम बनाकर अपने काम को विभाजित कर रखा है।
👉 या फिर एक नेटवर्क मार्केटिंग लीडर जिसने एक System के माध्यम से हजारों लोगों को प्रशिक्षित किया है।

इन सभी लोगों में एक बात समान है — वे खुद काम करने से ज़्यादा “System बनाकर काम करवाने” पर ध्यान देते हैं।


⚙️ सिस्टम ही सफलता की कुंजी है

Business Owner का सबसे बड़ा निवेश होता है — System Building में।
वह जानता है कि अकेले व्यक्ति की क्षमता सीमित है, लेकिन एक सिस्टम और टीम की क्षमता असीमित है।
वह अपने व्यवसाय को ऐसे ऑटोमेट करता है कि उसका बिज़नेस लगातार चलता रहे, भले ही वह खुद कुछ दिनों के लिए दूर क्यों न हो।

👉 वह Delegation (दायित्व बांटना) की कला सीखता है।
👉 वह Automation (स्वचालन) अपनाता है — जैसे डिजिटल टूल्स, CRM, और प्रक्रियाओं का मानकीकरण।
👉 वह एक Vision और Mission तैयार करता है, ताकि पूरी टीम एक दिशा में आगे बढ़े।

ऐसा System न केवल उसकी कमाई बढ़ाता है, बल्कि उसे समय की आज़ादी भी देता है।


🌱 Self-Employed से Business Owner बनने की यात्रा

Self-Employed व्यक्ति तब तक सीमित रहता है जब तक सब कुछ खुद करता है।
लेकिन जब वह अपने व्यवसाय में एक Team बनाना शुरू करता है, प्रक्रियाओं को व्यवस्थित करता है और Technology का उपयोग करता है — तब वह “S Quadrant” से “B Quadrant” की ओर बढ़ने लगता है।

इस परिवर्तन के लिए आवश्यक हैं:

  1. Vision: अपने व्यवसाय का स्पष्ट लक्ष्य तय करें।
  2. Team Building: सही लोगों को चुनें और उन्हें प्रशिक्षित करें।
  3. Delegation: हर काम खुद करने के बजाय जिम्मेदारी सौंपना सीखें।
  4. System Creation: ऐसा ढांचा बनाएं जो आपके बिना भी काम करे।

🚀 निष्कर्ष (Conclusion)

Business Owner होना सिर्फ एक पेशा नहीं, यह एक सोच (Mindset) है।
यह वह सोच है जो “खुद काम करने” से “System को काम करवाने” तक की यात्रा तय करती है।

याद रखिए, जब तक आप काम कर रहे हैं, आपकी इनकम सीमित है।
लेकिन जब आपका System आपके लिए काम करने लगता है, तब आपकी इनकम असीमित हो जाती है।

यही “B Quadrant” का जादू है — जहां आप सिर्फ पैसा नहीं कमाते, बल्कि एक ऐसा System बनाते हैं जो आपके लिए निरंतर पैसा उत्पन्न करता है।
और यही है असली Financial Freedom की दिशा में सबसे बड़ा कदम।


🔸 4️⃣ Investor (I) – पैसा जो पैसे से पैसा बनाता है

Part 4 of Income Quardrants Investor

Investor Quadrant रॉबर्ट कियोसाकी के Cashflow Quadrant का सबसे उच्च स्तर है — जहाँ व्यक्ति अब केवल “काम” करके नहीं, बल्कि “पैसे” से पैसा कमाना सीख चुका होता है। इस स्तर पर पहुँचना मतलब है कि आपने अपने जीवन की सबसे बड़ी वित्तीय परीक्षा पास कर ली है — अब आप पैसे के गुलाम नहीं, बल्कि पैसे के मालिक बन चुके हैं।

Investor वह व्यक्ति होता है जो अपनी मेहनत की कमाई को समझदारी से ऐसे साधनों में लगाता है जहाँ से उसे passive income (नियमित निष्क्रिय आय) मिलती रहती है। यानी अब आपको रोज़ काम करने की ज़रूरत नहीं, बल्कि आपका पैसा आपके लिए काम करता है।


💰 इन्वेस्टमेंट का असली मतलब

Investor बनने का अर्थ सिर्फ शेयर या प्रॉपर्टी खरीदना नहीं है, बल्कि यह समझना है कि पैसे का प्रवाह (cashflow) कैसे काम करता है। एक इन्वेस्टर के पास हमेशा एक स्पष्ट उद्देश्य होता है — financial freedom प्राप्त करना।

इन्वेस्टमेंट के कई माध्यम हो सकते हैं:

  • शेयर मार्केट: जहाँ आप कंपनियों में निवेश करके डिविडेंड और कैपिटल गेन कमा सकते हैं।
  • म्यूचुअल फंड्स: जहाँ एक्सपर्ट्स आपके पैसे को विविध पोर्टफोलियो में निवेश करते हैं, जिससे जोखिम कम होता है।
  • रियल एस्टेट: संपत्ति खरीदकर किराया या प्रॉपर्टी वैल्यू बढ़ने से लाभ कमाना।
  • बिजनेस वेंचर: किसी सफल बिजनेस में पार्टनर या शेयरहोल्डर बनना।
  • डिजिटल एसेट्स: जैसे क्रिप्टोकरेंसी, ऑनलाइन बिजनेस मॉडल या डिजिटल कोर्सेस में निवेश।

इन्वेस्टर वही है जो हर पैसे को एक “कर्मचारी” की तरह समझता है — जो दिन-रात उसके लिए काम करता है।


🧠 वित्तीय साक्षरता की भूमिका

Investor बनने के लिए financial literacy (वित्तीय शिक्षा) सबसे ज़रूरी तत्व है। इसका अर्थ है —

  • पैसों के प्रवाह को समझना
  • जोखिम को पहचानना और प्रबंधित करना
  • कर (taxation) की जानकारी रखना
  • और compound interest यानी ब्याज पर ब्याज की ताकत को उपयोग में लाना।

कई लोग पैसा कमाते हैं, लेकिन उसे सही जगह निवेश करना नहीं जानते, इसलिए वे हमेशा संघर्ष करते रहते हैं। एक शिक्षित निवेशक जानता है कि “पैसा बचाना अच्छा है, पर पैसा बढ़ाना बेहतर है।”


🌱 छोटी शुरुआत, बड़ा परिणाम

हर बड़ा निवेशक कभी न कभी छोटे स्तर से शुरू हुआ था।
शुरुआत में यदि आप हर महीने अपनी आय का केवल 10% भी नियमित रूप से निवेश करते हैं, तो compound interest के कारण कुछ वर्षों में वह रकम कई गुना बढ़ जाती है।
यह वही सिद्धांत है जिसे आइंस्टीन ने “दुनिया का आठवाँ अजूबा” कहा था।

Investor mindset का अर्थ है —

  • खर्च से पहले बचत और निवेश की योजना बनाना।
  • भावनाओं (greed और fear) पर नियंत्रण रखना।
  • अल्पकालिक लाभ के बजाय दीर्घकालिक स्थिरता पर ध्यान देना।

🔑 सीख और प्रेरणा

  1. पैसे को सिर्फ खर्च मत कीजिए — उसे multiply करना सीखिए।
  2. हर इनकम का कुछ हिस्सा निवेश के लिए निकालिए, चाहे राशि छोटी ही क्यों न हो।
  3. Financial literacy ही असली ताकत है — यह आपको Employee से Investor बनने का रास्ता दिखाती है।
  4. Diversification (विविधता) जरूरी है — सारा पैसा एक जगह न लगाएँ।
  5. धैर्य रखें, क्योंकि असली संपत्ति समय के साथ बनती है, एक रात में नहीं।

🕊️ सच्ची स्वतंत्रता की परिभाषा

Investor Quadrant वह स्थिति है जहाँ व्यक्ति को Time Freedom और Financial Freedom दोनों मिलते हैं। अब उसे काम करने की मजबूरी नहीं होती — वह अपनी रुचियों, परिवार और समाज के लिए समय निकाल सकता है।

यानी, जब आपका पैसा इतना काम करता है कि आप आराम से अपने खर्च पूरे कर सकें, तो समझिए आपने financial independence प्राप्त कर ली है।

Investor बनने का मतलब है अपने पैसों का मास्टर बनना, न कि उसका दास।
आप जितना जल्दी निवेश करना शुरू करेंगे, उतनी जल्दी आपका पैसा आपके लिए काम करना शुरू कर देगा।

याद रखिए —

“अमीर लोग इसलिए अमीर नहीं होते कि उनके पास पैसा ज्यादा होता है,
बल्कि इसलिए होते हैं क्योंकि उन्हें पता होता है कि पैसा कैसे काम करवाना है।”

अपने पैसे को उद्देश्य दीजिए, उसे अवसरों में लगाइए, और अपने वित्तीय भविष्य को आज से मजबूत बनाइए। यही Investor बनने की असली यात्रा है — जहाँ पैसा आपके लिए काम करता है, और आप अपने सपनों के लिए।

💡 निष्कर्ष (Conclusion)

Robert Kiyosaki की Cashflow Quadrant हमें एक गहरा वित्तीय संदेश देती है — अगर आप जीवन में सच्ची Financial Freedom चाहते हैं, तो आपको “E” (Employee) और “S” (Self-Employed) Quadrant से निकलकर “B” (Business Owner) और “I” (Investor) Quadrant की ओर बढ़ना होगा। यही वह परिवर्तन है जहाँ समय की आज़ादी (Time Freedom) और पैसे की आज़ादी (Financial Freedom) दोनों मिलती हैं।

“E” और “S” Quadrant में लोग मेहनत तो बहुत करते हैं, लेकिन उनका समय सीधे उनकी आमदनी से जुड़ा होता है। अगर वे काम बंद करते हैं, तो इनकम भी बंद हो जाती है। वहीं “B” और “I” Quadrant के लोग स्मार्ट तरीके से काम करते हैं — वे सिस्टम, टीम और निवेश के माध्यम से पैसे को अपने लिए काम करवाते हैं।

Network Marketing एक ऐसा बिजनेस मॉडल है जो आम लोगों को भी यह परिवर्तन करने का मौका देता है। यहाँ आप “Self-Employed” से “Business Owner” बनने की यात्रा शुरू कर सकते हैं। शुरू में आप खुद काम करते हैं, लेकिन जैसे-जैसे आप टीम बनाते हैं और सिस्टम को डुप्लिकेट करते हैं, वैसा-वैसा आपका बिजनेस अपने आप चलने लगता है। यही असली आज़ादी की दिशा है — जहाँ आप समय के मालिक बन जाते हैं और पैसा आपके लिए काम करने लगता है।

आज के दौर में Financial Education ही वह चाबी है जो इस द्वार को खोलती है। अपनी सोच को Employee से Entrepreneur की ओर मोड़िए। सीखिए, अमल कीजिए और एक ऐसा सिस्टम बनाइए जो आपके जीवन को आज़ादी और समृद्धि की ओर ले जाए।

💬 सीख:
👉 पैसा कमाने के लिए नहीं, उसे अपने लिए काम करवाने के लिए सोचिए।
👉 Network Marketing जैसे सिस्टम को अपनाइए — जहाँ टीमवर्क, डुप्लिकेशन और सिस्टम आपकी सफलता की कुंजी बनते हैं।

✍️ अंतिम संदेश:
“ज्ञान ही असली संपत्ति है, क्योंकि जब आप पैसों के खेल के नियम समझ लेते हैं, तो जीवन की दिशा बदल जाती है। पैसा सिर्फ मेहनत से नहीं, समझदारी और सही निर्णयों से बढ़ता है। जब आप Financial Education को अपनाते हैं, तभी असली आज़ादी और समृद्धि की शुरुआत होती है।”

🌐 Join Sudha69@MultiStream – Empowering People Physically, Mentally & Economically. www.sudhangsu69msi.com

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